Sunday, November 8, 2020

सुबह सबेरे में प्रति सोमवार स्तंभ ---विभाजन की पीड़ा अभी शेष है 


 


नव समाचार' दैनिक में मेरी लघुकथा 'कीमत' 

 

राजस्थान पत्रिका में --रस्म आदायगी नहीं है त्योहार



 

वीणा'अंक :नवम्बर 2020 में उपन्यास ---'जिन्हें 'जुर्म -ए-इश्क़ पे नाज़ था' मेरी समीक्षा


 

Sunday, October 25, 2020

एकला चलो की तर्ज पर अपनी ही गति से अपने रास्ते पर चलने वाले राष्ट्र कवि दिनकर 
फेस बुक पोस्ट 


 


फेस बुक पर प्रसारित मेरी पंक्तियों को प्रतिष्ठित समाचार पत्र दैनिक 'नव समाचार' में प्रकाशित

 



निजता के अधिकार पर आमंत्रित मेरे विचार 
उज्जैन सांदीपनि में 


 


इच्छाओं की मृत्यु के साथ जिंदा रहने का सम्मोहन और गांधी 

 



श्राद्ध में श्रद्धा खोजती परम्पराएं और हम 

 

सियासत के युद्ध का मंच बनते सामाजिक मुद्दे 

 

आखिर कौन सा हस्तक्षेप अपराधों को विराम देगा 
सुबह सबेरे में 


 

आजाद हिन्दुस्तान परकीय भाषा क़बूल नहीं करेगा 
सुबह सबेरे में 


 

आजाद हिन्दुस्तान परकीय भाषा क़बूल नहीं करेगा 
सुबह सबेरे में 


 

वीणा पत्रिका के अक्टूबर 2019 के अंक में स्तम्भ बहस के अंतरर्गत मेरा समीक्षात्मक लेख 

साहित्यिक संदर्भों में समकालीनता उत्तरपाठ एवं पुनरावलोकन 





 

मेरी कविताएं 


 

प्रजातंत्र में प्रकाशित लेख 


 

राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित लेख 

 



लघुकथा --कीमत 
दैनिक नव समाचार में प्रकाशित मेरी लघुकथा 


 

Thursday, August 20, 2020


सुबह सबेरे में प्रति सोमवार कॉलम का लेख 
नई व्यवस्था :मनुष्य से मानव की ओर व्यक्ति से विश्व की ओर 
 

Monday, August 10, 2020


राष्ट्रीयता: मनुष्य से मानव की ओर व्यक्ति से विश्व की ओर 
पारिवारिक साहित्यिक पत्रिका संगिनी के अगस्त २०२० में प्रकाशित 


 

 

दैनिक सुबह सबेरे
प्रति सोमवार कॉलम 
१०/अगस्त/२०२० 
नई नीति में शिक्षा का भविष्य और भविष्य की शिक्षा 

Tuesday, July 28, 2020

आलेख -आधुनिक नारीवाद
माटी के ताजा अंक -अगस्त -2020 

समीक्षा -
माही संदेश के ताजा अंक में -वार्ता का विवेक (साक्षात्कार कृति ) 


Monday, July 27, 2020

समीक्षा --प्रति बुधवार स्तम्भ के अंतर्गत 
दैनिक चैतन्य लोक में --हिंदी की कालजयी लघुकथाएं 


समीक्षा --उपन्यास
जिन्हें जुर्म ए-इश्क पे नाज था  

प्रति सोमवार कॉलम
दैनिक सुबह सबेरे-
लगन के पांव थककर चूर नहीं होते 


प्रति सोमवार कॉलम में प्रकाशित लेख 
दैनिक सुबह सबेरे --
बात पसीना बहाने की नहीं आंसुओं की हैं 


दैनिक विजय दर्पण टाइम्स में पुनः प्रकाशन 


दैनिक विजय दर्पण टाइम्स में पुनः प्रकाशन 
शिक्षकों का स्थान माइक्रो साधन ले सकेगें कभी 


समीक्षा --वीणा के ताजा में 
वीणा के संयुक्तांक (मार्च -अप्रैल -2020 )
हिंदी की कालजयी लघुकथाएं पर समीक्षा 

प्रति सोमवार कॉलम में प्रकाशित लेख का पुनः प्रकाशन 
दैनिक विजय दर्पण टाइम्स 


प्रति बुधवार स्तम्भ 
दैनिक चैतन्य लोक 
साहित्य में मॉब लीचिंग:कद बनाम पद 

Tuesday, June 30, 2020

प्रति बुधवार स्तम्भ 
दैनिक चैतन्य लोक में 
शब्द भाषा की देह में प्राण की तरह 
17/jun/2020


सुबह सबेरे में प्रति सोमवार कॉलम में लेख --
डिजिटल साक्षरता के लिए कितना तैयार हैं भारत 
29/जून/2020

प्रति बुधवार  कॉलम 'सृजन लोक' में लेख -
दैनिक चैतन्य लोक  
निराला और मुक्तिबोध  के संघर्ष में जीना आज के साहित्यकार का स्वभाव नहीं 
24/jun/2020


समीक्षा -
-उपन्यास जिन्हें जुर्म -ए -इश्क पे नाज था के कुछ अंश 


सुबह सबेरे प्रति सोमवार स्तम्भ में मेरा लेख ---
विश्वव्यापी साजिश को समझना होगा 

दैनिक स्वदेश में प्रति रविवार स्तंभ का लेख