Saturday, April 20, 2024

शुद्ध हिंदी में धाराप्रवाह बोलना, विषय को समझना  और विषय से सम्बद्ध बने रहने का हुनर है युवा होती पीढ़ी में   
इस  समृद्ध अनुभव के लिए बहुत  आभार  डेली कॉलेज, इंदौर 
संदर्भ --पद्मश्री जगन्‍नाथ कृष्‍णा काटे स्मृति अखिल भारतीय हिंदी वाद-विवाद प्रतियोगिता
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मित्रों, विगत बुधवार पद्मश्री जे.के.काटे  स्मृति अखिल भारतीय हिंदी वाद-विवाद प्रतियोगिता डेली कॉलेज ,इंदौर द्वारा आयोजित की गई | 
(शिक्षाविद -जगन्‍नाथ कृष्‍णा काटे |  शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 1972 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया)
वाद -विवाद के पक्ष -विपक्ष के पहले और  दूसरे चरण में 'अंकीय' निर्णायक की भूमिका मेरे लिए  बड़ी चुनौती भरी रही |
हर पक्ष में  कोई नया तथ्य था|  आत्मविश्वासी कहन  और विषय संरचना में समग्रता   | मेरे साथ अंकीय निर्णायक की भूमिका में वरिष्ठ पत्रकार (पीटीआई से ) हर्षवर्धनप्रकाश   जी रहे | 
विषय रहे --1 --यह सदन मानता है कि कृतिम बुद्धिमत्ता (एआई )वरदान नहीं अभिशाप है 
2 --- नारी सशक्तिकरण के लिए आर्थिक सशक्तिकरण  सबसे ज्यादा जरुरी 
देश  के विविध प्रांतों  से आये  प्रतिष्ठित विद्यालयों के  प्रतिनिधित्वकर्ता की भूमिका  में सभी  उत्कृष्ट प्रतिभागियों की  वाक्पटुता ने बहुत प्रभावित किया | 
मानव-भविष्य को अकल्पनीय तरीकों से आकार देने वाले कृत्रिम बुद्धिमत्ता 
(AI ) से मानवता का अस्तित्व कितने खतरे में  है ,इसकी अच्छी और बुरी संभावनाओं पर युवा मन की यह  बहस बहुत जरुरी लगी | इस विषय के माध्यम से ही सही संभावित जोखिमों और चुनौतियों पर सोचने की नई दृष्टि विस्तार ले सकेगी | 
विशुद्ध अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों का शुद्ध हिंदी में धाराप्रवाह बोलना, विषय को समझना  और विषय से सम्बद्ध होकर सवाल- जवाब रखना आने वाले समय के लिए गहरी आश्वस्ति देता है | 
हमारी कुछ पूर्व निर्धारित धारणाएं बनी हुई हैं  पीढ़ियों के भाषा दायित्व  को लेकर आमतौर पर लगता है वे सजग नहीं है |
 लेकिन इस प्रतियोगिता ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित किया कि पीढ़ियों को सही निदेशन  की दरकार है | अंग्रेजी माध्यम के बच्चे हिंदी में (शुद्ध हिंदी में )सम -सामयिक विषयों पर बात रखते हैं तो कुछ पुरानी धारणाएं टूटती हैं तो कुछ जुड़ती भी हैं | समय अनुशासन की प्रतिबद्धता  के साथ संपन्न दोनों चरण इंदौर शहर के  प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान की पारदर्शिता का भी गहरा  अनुभव दे गये | 






 



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