स्वदेश में प्रति रविवार स्तंभ
इस सप्ताह का लेख
हम चाहते हैं हमारा वर्चस्व कायम रहे
21/04/2024
हम जिस समय में हैं हमारा जीवन तनाव, उथल-पुथल और विकारों से भरा हो गया है| जीवन पहले से अधिक जटिल रूप से अन्योन्याश्रित हो गया है। यद्यपि हम बाह्य रूप से विश्व-शांति और अहिंसा की वकालत कर रहे हैं, फिर भी हम युद्ध की तैयारी कर रहे हैं। यह आधुनिक समय का संकट है कि हम शांति की आकांक्षा तो करते हैं लेकिन मानवजाति के भीषण जनाजे की तैयारी करते हैं। अंततः कोई भी समाधान भ्रम और पूर्वाग्रहों से मुक्त ज्ञान के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है।
आज दो लोगों के बीच मतभेद विचारों की वजह से होते हैं |अपनी बात को सही और दूसरों की बात को गलत मानने के कारण ही समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह साम्राज्यवाद और विचारों में आक्रामकता है जब कोई पक्ष या दूसरा स्वयं को पूर्ण सत्य का एकमात्र स्वामी समझता है, तो यह स्वाभाविक हो जाता है कि दूसरा या तो अपराधी की तरह असत्य है या गलत | ऐसी अलगाववादी प्रवृत्तियों के कारण हर कोई स्वयं को असुरक्षित महसूस करता है। अनेकांत दृष्टि सभी के हितों का चिंतन करता है वह वर्चस्ववाद का विरोधी है |
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